यदि आपकी रकम कहीं फंस गई है और पैसे वापिस नहीं मिल रहे तो आप रोज़ सुबह नहाने के पश्चात सूरज को जल अर्पण करें !
अगर आप अमावस्या के दिन पीला त्रिकोण आकृति की पताका विष्णु मन्दिर में ऊँचाई वाले स्थान पर इस प्रकार लगाएँ कि वह लहराता हुआ रहे, तो आपका भाग्य शीघ्र ही चमक उठेगा। झंडा लगातार वहाँ लगा रहना चाहिए। यह अनिवार्य शर्त है।
सोमवार के दिन प्रदोष काल में शिवलिंग पर अक्षत, सफेद चंदन, धतूरा, दूध, आक, गंगाजल और कच्चे चावल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें और फिर चावल मे मिल तिल को दान कर दें। इसके बाद महामृत्युंजय मंत्र का जप और शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करें। ऐसा करने से आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहेगा और जीवन में धन धान्य की वृद्धि होगी।
सोमवार के दिन शिवलिंग पर दूध और जल चढ़ाएं, फिर गौरी-शंकर रुद्राक्ष अर्पित करें। इसके बाद घी, शक्कर, गेहूं के आटे का भोग लगाकर आरती उतारें। साथ ही प्रदोष काल में चावल, दूध, चांदी आदि का दान करें। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में खुशी बनी रहती है और सभी कार्य भगवान शिव के आशीर्वाद से पूरे होने लगते हैं।
इसे शुक्ल पक्ष के गुरूवार से ही शुरू करें ! तीन महीने तक हर गुरूवार को मंदिर में प्रशाद चढांए और विवाह की सफलता के लिए प्रार्थना करें !
तथा इसके साथ ही थोडा सा गुड व चने की पीली दाल का भोग गाय को लगाना शुभ होता है.
अगर पर्याप्त धर्नाजन के पश्चात् भी धन संचय नहीं हो रहा हो, तो काले कुत्ते को प्रत्येक शनिवार को कड़वे तेल (सरसों के तेल) से चुपड़ी रोटी खिलाएँ।
इसके अलावा दशहरे के दिन जो आपने जयंती बोई थी। उसमें से कुछ जयंती लें और उन्हें अपने सिर पर रखें और फिर उसे अपने सिर पर रखना चाहिए। इसके अलावा कुछ जयंती लेकर उन्हें लाल रंग के कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में जरूर रखना चाहिए ऐसा करने से आपकी get more info धन संपत्ति में वृद्धि होती है। साथ ही विद्यार्थी भी थोड़ी जयंती लेकर अपनी किताब में रख सकते हैं।
बहुत से लोग खुद को बंधा-बंधा महसूस करते हैं। कुछ लोग किसी के दाबव में रहते हैं और कुछ किसी के प्रभाव में। कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि इतना कर्म करने के बाद भी कोई परिणाम नहीं मिल रहा है। उन्हें ऐसा लगता है कि जैसे किसी ने प्रगति को बांध रखा है।
धं धिं धुम धुर्जते
कारोबार और व्यापार में उन्नति के लिए पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें और शिवलिंग पर चढ़े दूध को थोड़ा सा तांबे में बर्तन में भर लें। इसके बाद पूरी श्रद्धा के साथ 'ॐ नम: शिवाय:' मंत्र का जप करते हुए व्यवसाय स्थल पर छिड़क दें। ऐसा करने से तरक्की में आ रही कोई भी बाधा दूर होगी और कारोबार और व्यवसाय में अच्छी वृद्धि होगी।
शनिवार को अपने पलंग के नीचे एक बर्तन में सरसों का तेल रखें। अगले दिन उस तेल में उड़द की दाल के गुलगुले बनाकर कुत्तों और गरीबों को खिलाने से गरीबी दूर होती है और लक्ष्मी का आगमन होता है।
प्रातः उस जल को तुलसी के पौधे पर चढा दें ! धीरे-धीरे परेशानी दूर होगी।
समय पर अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने की इच्छा के कारण माता-पिता व भावी वर-वधू भी चाहते है कि अनुकुल समय पर ही विवाह हो जायें. कुण्डली में विवाह विलम्ब से होने के योग होने पर विवाह की बात बार-बार प्रयास करने पर भी कहीं बनती नहीं है.